संपन्न हुई जयराम भवन में कवि गोष्ठी एवं पुस्तकालय निरीक्षण


करहिया गाजीपुर के जयराम भवन पुस्तकालय के सौजन्य से 02 फरवरी को काव्य गोष्ठी सम्पन्न हुई, जिसमे आगन्तुक कवियों में  अनंत देव पांडेय  'अनंत'कुमार शैलेन्द्रकामेश्वर द्विवेदी, अक्षय पांडेय ,गोपाल गौरव और  हेमन्त उपाध्याय ने भाग लिया।

कार्यक्रम की शुरुआत पुस्तकालय के निरीक्षण से प्रारम्भ हुआ जिसमें  पुस्तकालय सचिव  ऋषभ सिंह ने स्वागत भाषण दिया। पुस्तकालय के निरीक्षण के उपरांत सभी आगन्तुको ने पुस्तकालय से जुड़े इस पहले अनुभव को पुस्तकालय के विज़िटर बुक में साझा किया। आगे कार्यक्रम में सभी सदस्यों ने कवियों का स्वागत  माल्यार्पण करके किया और  पुस्तकालय के अध्यक्ष और कार्यक्रम के संयोजक संतराज सिंह ने सभी आगंतुको  को अंगवस्त्रम  प्रदान कर सम्मानित भी किया। उसके बाद कामेश्वर द्विवेदी और कुमार शैलेन्द्र ने अपनी स्वरचित पुस्तके पुस्तकालय को भेट किया जिसे संतराज सिंह एवं रिषभ सिंह ने साभार ग्रहण किया

 फिर शुरू हुआ काव्य रसास्वादन का दौर। अध्यक्षता अनंत देव पांडेय ने की और संचालन अक्षय पांडेय ने।संचालक ने जहां अपने सधे हुए संबोधन से सभी को बांध कर रखा वही शुरुआत  कामेश्वर द्विवेदी के सरस्वती वंदना से हुई। काव्य पाठ का आरम्भ स्थानीय कवि पीयुष पराशर के "होऊं जब कुर्बान वतन की राहों से हुआ" वहीं ध्रुव कुमार सिंह ने स्व० कवि गोबर गणेश के कुछ चुनिंदा काव्य रचनाओं का जिक्र करते हुए अपना काव्य पाठ किया। हेमन्त उपाध्याय ने कश्मीरी पंडितों की व्यथा को बहुत ही मधुर तरीके से पेश किया जिससे श्रोताओं की आंखे सजल हो गईं। कामेश्वर द्विवेदी ने अपने संस्कृत निष्ठ छंदों से सबको दांतो तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।

फिर गोपाल गौरव ने अपनी उम्दा गज़लों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुमार शैलेन्द्र के नवगीतों में नए बिंबो का प्रयोग मधुर था, अक्षय कुमार पांडेय ने "पहली बार शहर में आई है अम्मा" के द्वारा बुजुर्गों के कष्ट को सबके सामने प्रदर्शित किया। फिर अनन्त देव पांडेय जी ने बिना मात्रा के भोजपुरी में भगवान शंकर की आराधना की एवम अपनी प्रसिद्ध रचना 'गउवो गांव बुझाते नईखे' से देर तक श्रोताओं को बांध के रखा। काव्य रस के इस धारा के अंत मे गांव के कुछ लोगो ने भी काव्य पाठ किया। जिसमें रामराज सिंह एवं संतराज सिंह प्रमुख थे। गांव के परशुराम पांडेय जी ने काव्य के बारे में अच्छी जानकारी दी। अंत मे  संतराज सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन कर काव्य गोष्ठी के समाप्ति की घोषणा की। इस अवसर पर करहिया गांव के ढेर सारे लोग मौजूद रहे जिन्होंने इस काव्य पाठ का आनन्द लिया |

कवि गोष्ठी की कुछ मनमोहक तश्वीरे -

ग्रुप फोटो 

संतराज सिंह , अनंत देव पाण्डेय को अंगवस्त्र प्रदान करते हुए  

गोपाल गौरव को अंगवस्त्र प्रदान करते हुए 

 अक्षय पाण्डेय पुस्तकालय के विजिटर बुक में अपने विचार व्यक्त करते हुए 

पियूष पराशर काव्यपाठ करते हुए 

   कुमार शैलेन्द्र पुस्तकालय के विजिटर बुक में अपने विचार व्यक्त करते हुए 


कामेश्वर द्विवेदी को अंगवस्त्र प्रदान करते हुए 

   कुमार शैलेन्द्र को  अंगवस्त्र प्रदान करते हुए 

 अक्षय पाण्डेय को अंगवस्त्र प्रदान करते हुए 

  हेमंत उपाध्याय को अंगवस्त्र प्रदान करते हुए 
                                                     
कामेश्वर द्विवेदी पुस्तकालय को स्वरचित पुस्तक भेंट करते हुए 



Comments

  1. Bahut hi sunder prastuti.... Sabhi ko mantrmugdh karne wala...

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  2. Waiting for the video of the poetic seminar. Hope to upload soon

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  3. इस विस्तृत विवरण की प्रतीक्षा थी। पूर्ण विश्वास है कि उपस्थित श्रोताओं ने खूब रसास्वादन किया होगा।

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